भारत का किसान ,सिर्फ दुखी ही नही गरीब भी है |
इसका विषेस कारण है ,उनके कर्तव्यो के हिसाब से उन्हें उनके फसलो का सही मूल्य व् सम्मान न मिल पाना |
ओ बेचारे धुप में मर-मर के मेहनत करते है ,जिनके सहारे लोग जीते है , चाँद पैसे वाले उनकी इज्जत करने को तैयार नही |अगर ऐसा ही रहा तो एक समय पर यहाँ भी खाने की चीजे आयात की जाने लगेगी और तब उन्हें महंगी लगेगी |
शिक्षित लोगो से विन्रम निवेदन है बर्गर ,पिज़्ज़ा य माल से सामान लेते समय रेट कम करने की बात तो कभी करते नही | बाहर निकलने के बाद जो किसान मेहनत करके अपने सामान बाज़ार में लेके आता इस उम्मीद से की कुच्छ पैसे मिल जाये बच्चो की फीस जमा हो जाये , घर -परिवार वालो के लिए १-२ कपड़े हो जाये , उसको बोलते है अरे दादा तू तो लूट मचाय रखे हो ?
और आपको ये भी बता दे ये बेचारे इतने मासूम होते है आप कभी इनके घर जाके देखो तो ये आपको ओ चीजे खिलाने की कोसिस करते है जो इनके घर में सबसे अच्छी हो |
ओ भी बिना किसी उम्मीद के , ओ सोचते है भैया आये भूखय न जाये कभी कमाने वालो के पास जाके देखो उन्हें तो हर चीज पैसा ही दीखता है ओ खर्चे करने में आपको कुछ खिलने में भी सकुंचित होते है |
आज किसान मजबूर भी अपने बच्चो को पढ़ा के किसान नही इंजिनियर इस लिए बनाना चाहता जिससे उसका बच्चा समाज में सम्मान पा सके , और घर -परिवार में पैसे की तंगी न रहे |
ये एक बड़ा कारण भी है गाँव से लोगो का पलायन होने का |
विन्रम निवेदन है वन्धुओ आप शिक्षित हो शायद आप भी इस पीड़ा को समझ सकते हो ये सही समय है आधे घंटे क लिए धुप में निकल के देखो |
उन भाइयो से भी हमारा निवेदन है जो किसान परिवार से है ओ किसानो का सम्मान करे उन्हें उनके सामानों का मूल्य दे |
आप यही समझे की हम माल सुध्द के नाम डुप्लीकेट खाने का सामान नही ले रहे है जो मिलावटी हो |
एक छोटा सा उदाहरण है दूध का :
मदर डेरी , आनंदा ,सुप्रीम ,व् बहुत सी दूध की कंपनिया जो आप को डेली दूध के कई प्रकार होने का नाटक करती है |
आप तो इतना समझदार हो हमारी गौ माता , भैस , य दूध देने वाले पशु क्या इस प्रकार दूध देते है
जैसे टोंड मिल्क ,फुल क्रीम ,अल्ट्रा टोंड ,क्रीमी टोंड ,कुछ तो मिलावटी इस लेवल की है ओ दूध दूध ही नही लगता |
गाँव का किसान उसको तो पता भी नही , जो गाय ,भैस को चारा खिलाता है ओ टोंड ,य फुल क्रीम दूध देगी |
अगर ओ किसान दूध बेचने भी आये तो सिर्फ दूध कहता न कि उसके प्रकार |
दूध किसानो से ले |
who (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन )के रिपोर्ट के हिसाब भारत में दूध के उत्पादन से ३ गुना विक्री होती है |आप समझदार है और समझ सकते है ये आप सिर्फ दूध ही पी रहे है य कुछ और |
और आज कल मार्किट में लांच हुआ आर्गेनिक अरे भैया किसान से ज्यादा आर्गेनिक कौन खा सकता है और आप को खिला सकता है |
एक किलो भिन्डी १२० रूपये रेट है ,अगर वही किसान बेचे तो बोलोगे भैया लूट रहे हो |
सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार नही , हम भी जिम्मेदार है ,इस जिम्मेदारी का भागीदारी हम सबको मिलके निभाना चाहिए
दोस्तों अगर ये पोस्ट समझ में आये , किसानो के प्रति सम्मान हो तो लोगो को जागरूक करे |
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